जहां कुछ कंप्यूटर बहुत से छोटे-छोटे होते हैं तो कुछ आकार में बड़े होते हैं कुछ बहुत ही तेज कार्य करते हैं तो कुछ बहुत ही धीमी गति से अपना कार्य करते हैं अब सवाल उठता है कि क्या यह सभी कंप्यूटर्स एक प्रकार के हैं या फिर यह एक दूसरे से अलग हैबस इसी सवाल का जवाब देने के लिए आज के इस आर्टिकल कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार के बारे में और विषय में जानकारी प्रदान करने वाला हूं
कंप्यूटर क्या है
कंप्यूटर एक ऐसा मशीन होता है जिसको कुछ ऐसा प्रोग्राम किया गया होता है जिससे कि वह बहुत से कार्य हमारे कर सकते हैं यह हमारे कमांड को इनपुट के हिसाब से लेता है उसे प्रोसेस करता है और अंत में हमारे रिजल्ट आउटपुट के हिसाब से प्रदान कराता है इसके कुछ महत्वपूर्ण Characteristics भी है जैसे कि
- यह रिस्पॉन्ड करता है एक स्पेसिफाइड सेट आफ इंस्ट्रक्शन को वह भी एक
- वेल डिफाइंड manner में
- यह एक्सक्यूट करता है एक Pre-recorded लिस्ट ऑफ इंस्ट्रक्शंस ( जिसे
- की प्रोग्राम कहा जाता है).
- यह बड़ी ही आसानी से बड़े मात्रा में डाटा को स्टोर और रिट्रीव करने में
- क्षमता रखता है इसके अलावा कंप्यूटर बहुत से कंपलेक्स और repetitive
- proce को quickl y, precisely और reliably करने में सक्षम होता है
- Modern computers की बात करें तब वह electronic और digital होते हैं
- इसमें जो actual machinery ( wires, transistors और circuits) होते हैं
- उन्हें hardware कहां जाता है वही introduction और डाटा को software
- कहा जाता है सभी general- propose computers मैं नीचे बताए गए
- hardware components शामिल होते हैं
यहcomputer का heart होता है एक ऐसा component जो कि असल मेंintroduction को execute करता है जिन्हें की organized किया जाता हैprograms (“software”) और जो computer को निर्देश करते हैं कि उन्हें क्या करना है
2.Memory(first, expensive, short- term memory):
यह Computer को enable करती है चीजें Store करने के लिए भले ही Temporaly जैसे कि Data programs और intermediate results
3. Mass storage device( slower, cheaper, long-term memory):
यह allow करती है एक computer को permanently एक बड़ी मात्रा की data और programs को retain करने के लिए कोई jobs के बीच में common Mars storage devices मैं disk drive और tape drives प्रमुख है
4.Input device:
यह input device का कार्य होता है data और introduction को computer मैं inter करने के लिए इसमें keyboard और mouse मुख्य है
5. output device:
uses को final results दिखाने के लिए output device का इस्तेमाल किया जाता है इसमें display screen printer मुख्य है
Types Of Computer in Hindi( कंप्यूटर के प्रकार)-
आप सभी को शायद कंप्यूटर के प्रकार में जानने की इच्छा होगी वैसे कंप्यूटर से तो बहुत सारे प्रकार है लेकिन उन्हें सहज ढंग से समझने के लिए उन्हें अलग-अलग तरीके में बांट दिया जाता है जिससे किसी को भी उन्हें समझने में आसानी होगी
- कार्यप्रणाली के आधार पर(Based on mechanism)
- उद्देश्य के आधार पर(based on purpose)
- आकार के आधार पर( based on size)
एनालॉग कंप्यूटर कंप्यूटर को कहा जाता है जो कि एनालॉग सिंगल का इस्तेमाल करते हैं इंफॉर्मेशन डिस्प्ले करने के लिए एनालॉग कंप्यूटर का इस्तेमाल एनालॉग डाटा को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है
यह इन Analog डाटा कंटीन्यूअस नेचर के होते हैं जो कि discrete या separate नहीं होते हैं इन्हें डाटा में टेंपरेचर प्रेशर स्पीड वेट वोल्टेज डेप्ट इतिहास मुख्य रूप से होते हैं
इनमें इंफॉर्मेशन जो कि कांटीनियस फार्म होते हैं उन्हें curves के आकार में डिस्प्ले किया जाता है इनका इस्तेमाल कंटीन्यूअस फिजिकल क्वांटिटी जैसे कि करंट फ्लो टेंपरेचर ब्लड प्रेशर हार्ट बिट्स को मेजर करने के लिए किया जाता है
यह कॉन्टिटी कंटीन्यूअस होते हैं और इनमें एक इंफिनिटी वैरिटी की Value पाए जाते हैं
यह मेजर करती है कंटीन्यूअस चेंज को कुछ फिजिकल क्वांटिटी में जैसे की स्पीड मीटर का इस्तेमाल कार की स्पीड को मेजर करने के लिए होता है थर्मामीटर का इस्तेमाल टेंपरेचर के चेंज को मेजर करने के लिए होता है वही weighing मशीन का इस्तेमाल वेट को मेजर करने के लिए किया जाता है
यह कंप्यूटर उन्हें सिचुएशन के लिए आइडियल होते हैं जहां की डाटा को एक्सेप्ट किया जाता है डायरेक्टली वह भी न्यू रिंग इंस्ट्रूमेंट से और उन्हें किसी प्रकार की कन्वर्जन की जरूरत नहीं होती है नंबर या कोर्स में एनालॉग कंप्यूटर थी वह फर्स्ट कंप्यूटर थे जिन्हें की डेवलप किया गया और मॉडर्न डिजिटल कंप्यूटर के गवर्नमेंट का आधार माना गया
एनालॉग कंप्यूटर के एप्लीकेशन क्या है-
पहला कंप्यूटर का ज्यादातर इस्तेमाल कुछ स्पेशलाइज्ड इंजीनियरिंग और साइंटिस्ट एप्लीकेशन में किया जाता है वह भी कैलकुलेशन और औलाद को मेजर करने के लिए
इनका इस्तेमाल प्रोसेस कंट्रोल करने के लिए भी किया जाता है जैसे कि ऑयल रिफायनरी में जहां की दोनों flow और टेंपरेचर मेजरमेंट महत्वपूर्ण होते हैं
इनका इस्तेमाल पेपर मेकिंग के लिए भी होता है साथ में केमिकल इंडस्ट्री में भी चैनल और कंप्यूटर को किसी भी प्रकार की स्टोरेज कृपा बिलिटी की जरूरत नहीं होती है क्योंकि एक सिंगल ऑपरेशन में ही मेजर और क्वांटिटी को कंपेयर करते हैं
एक एनालॉग कंप्यूटर की आउटपुट फ्रॉम अक्सर रीडिंग के फॉर्म में होते हैं जैसे कि सीरियल ऑफ डील ( स्पीड मीटर में कार के) या एक ग्राहक से फार्म में ट्रिक चार्ट में.
2.डिजिटल कंप्यूटर-
एक डिजिटल कंप्यूटर, जैसे कि इसके नाम से पता चलता है यह बताता है कि यह डिजिटल के साथ काम करते हैं जो कि रिप्रेजेंट करते हैं न्यूमेरिकल्स लेटर या कोई दूसरा स्पेशल सिंबलडिजिटल कंप्यूटर ऑपरेट करते हैं इनपुट के आधार पर जो कि आज आप टाइप होते हैं और इनकी आउटपुट भी आना आप सिंगल के फॉर्म में होती है नॉर्मल ईमान को रिप्रेजेंट किया जाता है एक से और कहीं आप को रिप्रेजेंट किया जाता है जीरो से
तो यहां हम कर सकते हैं कि डिजिटल कंप्यूटर इनफार्मेशन को प्रोसेस करते हैं इलेक्ट्रिकल सिंगल के उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर या फिर बायनरी 1 या 0 पर
एक डिजिटल कंप्यूटर का इस्तेमाल न्यूमैरिक के साथ-साथ नन न्यूमैरिक डाटा को प्रेषित करने के लिए भी किया जाता है यह बहुत सारे अर्थमैटिक ऑपरेशन को भी परफॉर्म कर सकता है जैसे कि एडिशनल सब ट्रैक्शन मल्टीप्लिकेशन के आयर साथ में लॉजिकल ऑपरेशन भी
यदि हम रिजल्ट की बात करे तब डिजिटल कंप्यूटर ज्यादा अक्कू रेट रिजल्ट प्रदान करते हैं एनालॉग कंप्यूटर की तुलना में एनालॉग कंप्यूटर बहुत ही ज्यादा फास्टर होते हैं डिजिटल की तुलना में.
एनालॉग कंप्यूटर में मेमोरी नहीं होती है वही डिजिटल कंप्यूटर में होती है इंफॉर्मेशन को स्टोर करने के लिए हम कर सकते हैं कि डिजिटल कंप्यूटर अकाउंट करते हैं वही एनालॉग कंप्यूटर मेजर्स करने के काम में आते हैं
3.हाइब्रिड कंप्यूटर-
एक हाइब्रिड कंप्यूटर असल में एक कंबीनेशन होता है डिजिटल और एनालॉग कंप्यूटर इसमें दोनों ही प्रकार के कैंप्यूटर्स के बेस्ट फीचर्स को आपस में कंबाइन किया जाता है जोकि एनालॉग कंप्यूटर की स्पीड और डिजिटल कंप्यूटर की मेमोरी और accuracy.
हाइब्रिड कंप्यूटर का इस्तेमाल होने सभी स्पेशलाइज्ड एप्लीकेशन में किया जाता है जहां के दोनों प्रकार के डाटा को प्रोसेस करने की जरूरत होती है इससे यह यूजर की मदद करते हैं दोनों प्रकार के डाटा (कंटीन्यूअस और डिस्ट्रिक्ट )को प्रोसेस करने में.
उदाहरण के लिए एक पेट्रोल पंप में एक प्रोसीजर होता है जो कि कन्वर्ट करता है फ्यूल लो मेजरमेंट्स को क्वालिटी और प्राइस वैल्यू में.
यह एक ऐसा कंप्यूटर होता है जो कि बायनरी के साथ-साथ Analog सिंगल को भी समझने में सक्षम होता है इसलिए स्पीड ना तो एनालॉग कंप्यूटर से ज्यादा होती है और ना ही डिजिटल कंप्यूटर के मुकाबले कम होती है....
Nice sir
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंbahut badiya h
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